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कब से शुरू हो रहा है सावन? सावन शिवरात्रि कब है?

सावन मास देवी देवता का महिना माना जाता है| सावन महीने को भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है| इस महीने मे अगर आप पुजा और उपवास श्रद्धा से करते हो तो भगवान महादेव की कृपा होती है! तो जानिए इस साल सावन महिना कब शुरू हो रहा है और कब खत्म हो रहा है|

कब सुरू हो रहा है सावन महिना?

सावन महिना हिन्दूओ के लिए सबसे शुभ और पवित्र महिना माना जाता है| इस साल सावन महिना 22 जुलाई 2024 से शुरू होगा और 19 अगस्त को खत्म होगा|

पहला सोमवार – 22 जुलाई 2024

दूसरा सोमवार – 29 जुलाई 2024

तीसरा सोमवार – 5 अगस्त 2024

चौथा सोमवार – 12 अगस्त 2024

सावन शिवरात्रि कब है ?

सावन शिवरात्रि सावन मे आती है और इस दिन का विशेष महत्व होता है| सावन शिवरात्रि को महाशिवरात्री भी कहा जाता है| इस साल सावन शिवरात्री 2 अगस्त दोपहर के 3:26 से शुरू होकर 3 अगस्त के दोपहर 3:50 को समाप्त होगी| सावन शिवरात्रि व्रत 2 अगस्त को रखा जाएगा|

सावन महीने की कथा?

सावन महीने की कथा भगवान महादेव और देवी पार्वती की प्रेम, त्याग और भक्ति की अद्भुत कथा है!

एक बार माता सती अपने पिता दक्ष के घर यज्ञ में बिना निमंत्रण के गईं थी। वहां उनके पिता ने भगवान शिव का अपमान किया। इससे दुखी होकर सती ने यज्ञ अग्नि में कूदकर आत्मदाह कर लिया। यह समाचार जब भगवान शिव को मिला तो वे अत्यंत क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने गणों के द्वारा दक्ष के यज्ञ को नष्ट कर दिया। सती के देह त्याग के बाद महादेवजी ने सती के शव को उठाकर तांडव नृत्य करना शुरू कर दिया, जिससे संसार में हाहाकार मच गया। तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में काट दिया, जो विभिन्न स्थानों पर गिरे और जिन्हें शक्तिपीठ कहा जाता है।

सती ने अगले जन्म में पार्वती के रूप में हिमालय के राजा हिमावन और रानी मैना के घर जन्म लिया। पार्वती ने बाल्यावस्था से ही भगवान शिव को अपना पति मान लिया और उनकी आराधना करने लगीं। सावन मास में पार्वती ने निराहार रहकर कठोर तपस्या की ताकि भगवान शिव उन्हें पति रूप में स्वीकार करें। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।

इस प्रकार सावन का महीना भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है और इस दौरान शिवभक्त विशेष पूजा, व्रत और ध्यान करते हैं। सावन के सोमवार को व्रत रखने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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