Rakshabandhan 2024: इतिहास और महत्व

Rakshabandhan एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाने के लिए मनाया जाता है। 2024 में, रक्षाबंधन सोमवार, 19 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है, जिसमें राखी बांधना, पूजा करना, मिठाई बांटना और उपहार देना शामिल है।

रक्षाबंधन के मौके पर, घरों में विशेष पकवान बनते हैं और परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं। इस दिन का उद्देश्य परिवार में प्रेम और एकता को बढ़ावा देना है।

Rakshshabandhan 2024

Rakshabandhan के त्योहार की उत्पत्ति और महत्व से जुड़ी कई कथाएं और पौराणिक कहानियां हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कथाएं निम्नलिखित हैं:

Rakshabandha से जुड़ी कई कथाएं

1. द्रौपदी और भगवान श्रीकृष्ण:

महाभारत के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने युद्ध के दौरान अपनी उंगली काट ली। उनकी उंगली से खून बहता देख, द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इस छोटे से कृत्य ने श्रीकृष्ण को बहुत प्रभावित किया और उन्होंने द्रौपदी को वचन दिया कि जब भी वह संकट में होंगी, वे उनकी रक्षा करेंगे। यही कारण है कि जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तो श्रीकृष्ण ने उसकी रक्षा की।

2. इंद्राणी और राजा बली:

पुराणों के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था, तो देवताओं के राजा इंद्र, असुरों के राजा बली से हार गए थे। इस संकट के समय, इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने उन्हें रक्षासूत्र दिया और इंद्राणी को सलाह दी कि वे इसे राजा बली की कलाई पर बांध दें। इंद्राणी ने ऐसा ही किया और इस रक्षासूत्र की शक्ति से इंद्र ने युद्ध में विजय प्राप्त की। तब से, रक्षा सूत्र या राखी बांधने की परंपरा चली आ रही है।

3. रानी कर्णावती और हुमायूं:

राजपूताना की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर उसे अपना भाई माना और सहायता की गुहार की जब उनका राज्य संकट में था। हुमायूं ने राखी की लाज रखते हुए रानी कर्णावती की रक्षा के लिए अपने सैनिकों को भेजा। इस घटना ने रक्षाबंधन के महत्व को और भी बढ़ा दिया।

4. यम और यमुन:

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज और उनकी बहन यमुन के बीच रक्षाबंधन का संबंध है। यमुन ने एक बार यमराज की कलाई पर राखी बांधी और अमरता की कामना की। इससे प्रभावित होकर यमराज ने उसे अमरत्व का वरदान दिया और कहा कि जो भाई अपनी बहन से राखी बंधवाएगा और उसकी रक्षा करेगा, उसे भी अमरत्व का वरदान मिलेगा।

ये कहानियां हमें रक्षाबंधन के त्योहार के पीछे छिपे गहरे भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व को समझने में मदद करती हैं। यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र बंधन को और मजबूत करता है और उन्हें एक-दूसरे की सुरक्षा और समर्थन की याद दिलाता है।

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